जी20 पर सुझाव,
भारतीय लोगों के साथ सबसे बड़ी समस्या होती हैं की , उनकी जनसंख्या इतनी ज्यादा हैं की देश में कई लोग एक जैसा दिखते, चीन ,जापान , मंगोलिया, यहां कई ऐसे देश हैं जहां इसी तरह का समस्या सामने आती हैं।
यह 21 वी शताब्दी जीवन के विकास की चरम अवधि पर हैं, यहां के लोग विश्व के अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा घनिष्ट बुद्धि वाले होते हैं, मगर भारत की समस्या यहां अंगीनत लोगों के द्वारा बिना लक्ष्य निर्धारण कर जीवन जीना हैं।
भारत की इस महान घड़ी में हम सभी लोगों को भारत की विकाश और यहां के लोगों के द्वारा बिना लक्ष्य निर्धारण कर जीवन जीना हैं।
भारत की इस महान घड़ी में हम सभी लोगो के द्वारा भारत की विकाश और यहां के लोगों के बीच समन्वय स्थापित करना होता है।
भारतीय लोग विश्व की एकता का शिलान्यास रख सकते ,उनके विविधता के कारण भी भारतीय विचारधारा एक और अग्रसर होता हैं।
भारत की भूमि अनाजों और खनिज भंडारों का खजाना हैं । और विश्व स्तर पर बन सकता हैं, यहां पर कई देशों के लोग अपना जीवन आनंद से जी सकते हैं।
भारतीय संस्कृति और परम्परा का लोहा विश्व भी मानती हैं।
इस वर्ष जी20 की मेजबानी के साथ भारत को एक मुख्य स्थान दिया गया हैं।
भारत का संविधान ,मानव जीवन का संविधान हैं, यह विश्व के कई लोगों के बीच समानता का परिचायक हैं। सामाजिक विडंबना होती हैं, मगर समाज लोगो के जीवन से चलती हैं,
समाज कभी भी सामाजिक उत्कृष्ट तथ्यों से चलती हैं।
एक मनुष्य जब अपने जीवन को समझता हैं, तब उसे रोटी कपड़ा और मकान के अलावा जरूरतमंद चीजों पर आकर्षित होती हैं, किंतु जीवन जीने का सही लक्ष्य क्वांटम पद्धति को समझना हैं, की यह संसार कैसे बना, संसार में ऊर्जा की उत्पत्ति को जानना हैं, जिस सांस का हम अनुभूति करते, उसे जानना हैं, मनुष्यों का काम प्राकृतिक वातावरण को समझना हैं तथा प्राकृतिक के विकाश के लिए तत्यप्र हैं।
मनुष्य ही मनुष्य को जानवरों और पक्षियों पर शासन करना सिखाया, जैसे जैसे हम ब्रह्मांड को समझते हैं, वैसे वैसे ब्रह्मांड भी हमे समझता हैं,
मगर आज की इस भाग दौड़ भरी जीवन में हम जीवन का सही अनुभव नहीं करते।
टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में, हैं हमारा समय यू ही गवा देते,
इंसान भी अपनी निजी वस्तुओ की और आकर्षित होते यह विचारधारा पशु पक्षियों से उत्पन्न होती,
इंसान इन सभी से ऊपर सोचते हैं, इंसानों ने इस पृथ्वी पर कई सारे विकाश किए।
मुसीबतों का सामना किया, हा यह सच हैं की इंसानों के कारण भी कई आपदा आई हैं, मगर बड़े स्तर पर आपदा इंसानों ने संभाला हैं, उससे निजात पाई हैं।
हमे इंसानों को हर वक्त यह बात समझना हैं की क्वांटम वर्ल्ड में दुनियां कैसी होती हैं, इस वर्ल्ड में दुनिया वेव भी हैं और पार्टिकल भी।
विज्ञान के इस रोचक तथ्य को जानने मात्र से लोग ब्रह्मांड को जानने लगता हैं।
इंसान खुद में एक ब्रह्मांड हैं।
यह बात इंसानों को समझना होगा,।
जैसे संसार की हर सुविधा इंसानों द्वार बनी हैं, वैसे ही संसार में अब इंसान को एक कंप्यूटर मान कर ब्रह्मांड के अनंत की ओर चलना होगा। हमारी पृथ्वी संसार की एक प्राकृतिक धरोहर हैं।
प्राकृतिक विविधता तथा वन वनस्पतियों को ध्यान में रख कर भारत एवम जी20 के सभी क्षेत्रों में मनुष्य पर ध्यान देना अनिवार्य, हर वो इंसान जो अपनी जिंदगी, प्राकृतिक या इंसानों की भविष्य के लिए चिंतित करते, उनका विशेष ध्यान रखना होगा।
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